Fatima Sana Shaikh Ne Apne Bachpan Ki Baat Share Ki बाल कलाकार के रूप में 15 घंटे काम करना पड़ता था

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Fatima Sana Shaikh Ne Apne Bachpan Ki Baat Share Ki

Fatima Sana Shaikh Ne Apne Bachpan Ki Baat Share Ki बाल कलाकार के रूप में 15 घंटे काम करना पड़ता था अनुचित बातें सुननी पड़ती थीं

बॉलीवुड अभिनेत्री फातिमा सना शेख ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने बचपन के अनुभवों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे एक बाल कलाकार के रूप में उन्हें लंबे समय तक काम करना पड़ता था और कई बार अनुचित वार्तालाप (inappropriate adult conversations) सुनने को मिलती थीं, जो एक बच्चे के लिए सही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि बाल कलाकारों के लिए सेट पर बेहतर सुरक्षा और देखभाल की जरूरत है।

Fatima Sana Shaikh Ne Apne Bachpan Ki Baat Share Ki

फातिमा सना शेख ने बताया कि जब वह एक बाल कलाकार के रूप में काम करती थीं, तो उन्हें 15 घंटे तक शूटिंग करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा, “मैंने बहुत कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। उस समय बाल कलाकारों के लिए कोई नियम नहीं थे कि उन्हें कितने घंटे काम करना चाहिए। मैं देर रात तक सेट पर रहती थी, जो एक बच्चे के लिए बहुत मुश्किल था।”

उन्होंने आगे कहा कि आज भी कई बाल कलाकार लंबे समय तक काम करते हैं, जिसका उनकी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने इस मामले में सख्त नियमों की मांग की ताकि बच्चों का शोषण न हो।

खारी बातें सुननी पड़ती थीं

फातिमा ने यह भी बताया कि एक बाल कलाकार के रूप में उन्हें कई बार ऐसी बातें सुननी पड़ती थीं, जो बच्चों के लिए उचित नहीं थीं। उन्होंने कहा, “सेट पर कई बार बड़े लोग ऐसी बातें करते थे जो बच्चों के सामने नहीं होनी चाहिए। मैं उस समय इन बातों को समझ नहीं पाती थी, लेकिन अब लगता है कि यह सही नहीं था।”

उन्होंने कहा कि सेट पर बाल सुरक्षा अधिकारी (child welfare officer) होना चाहिए ताकि बच्चों को किसी भी तरह की असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।

बाल कलाकारों के अधिकारों की जरूरत”

फातिमा सना शेख ने कहा कि बाल कलाकारों के अधिकारों के लिए इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा:

  • बच्चों को लंबे समय तक काम नहीं करवाया जाना चाहिए
  • सेट पर बाल मनोवैज्ञानिक और सुरक्षा अधिकारी होने चाहिए।
  • बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हॉलीवुड और अन्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म इंडस्ट्रीज में बाल कलाकारों के लिए सख्त नियम हैं, लेकिन भारत में अभी भी इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

फातिमा का करियर और भविष्य की योजनाएं

फातिमा सना शेख ने अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। उन्होंने “हम साथ-साथ हैं” (2001) और “तारे जमीन पर” (2007) जैसी फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। बाद में उन्होंने “दंगल” (2016) और “ठग्स ऑफ हिंदोस्तान” (2018) जैसी बड़ी फिल्मों में अभिनय किया।

अब वह अपनी आगामी फिल्मों की तैयारी में हैं और साथ ही बाल कलाकारों के अधिकारों के लिए आवाज उठा रही हैं।

निष्कर्ष

फातिमा सना शेख ने अपने अनुभव साझा करके बाल कलाकारों की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। उनकी बातें इस ओर इशारा करती हैं कि इंडस्ट्री को बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ माहौल बनाने की जरूरत है। उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और भविष्य में बाल कलाकारों के लिए बेहतर नियम बनाए जाएंगे।

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